ठाकुर का कुआँ
ओम प्रकाश वाल्मीकि
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का
बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फसल ठाकुर की
कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत - खलिहान ठाकुर के
गली - मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या ?
गाँव ?
शहर ?
देश ?
- पुस्तक :- दलित निर्वाचित कविताएं
- रचनाकार :-ओमप्रकाश वाल्मीकि
- संपादक :- केवल भारती
- प्रकाशन :- इतिहासबोध प्रकाशन
Nice 👍
Thank you
hello
हमारा देश
yes
Nicely
thank you
In sabdo me aai ke jivan ki Sachai likh hai h.🙏🙏🙏
Bahut badhiya. Keep it up 👍
Essence of this poetry ….
It tells what was the reality of the past …